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Wednesday, February 26, 2014

अटल तो अटल हैं...

राजनीति की दुनिया में अकसर नेता गद्दी मिलने के बाद अंधे हो जाते हैं...ताकत मिलने के बाद नेताओं को अच्छे-बुरे में कोई फर्क नजर नहीं आता....राजनीति की राह में रंगीनियां अकसर हावी होती नजर आती हैं लेकिन इस देश के महान राजनीतिक इतिहास के कुछ ऐसे पन्ने भी मिलते हैं जो राजनीति को सिर्फ राजनीति तक ही सीमित रखते हैं....आज जहां हर नेता के स्कैंडल और घोटाले सामने आ रहे हैं वहीं कुछ नेता ऐसे भी हैं जिनका राजनीतिक और सामाजिक जीवन बेहद पाक-साफ रहा है.....ऐसी ही शख्सियत हैं अटल बिहारी वाजपेई.......अटल ने भारतीय राजनीति को नई दिशा दी....उन्होने न केवल भारत में बल्कि विदेशो में भी देश का नाम रौशन किया....अटल देश के श्रेष्ठ राजनेताओं में से एक होने के साथ साथ कुशल वक्ता और महान राजनेता के रुप में जाने जाते हैं...राष्ट्रिय क्षितिज पर साफ छवि के साथ साथ अजातशत्रु कहे जाने वाले अटल...एक व्यक्ति का नाम नहीं है....बल्कि राष्ट्रीय विचार धारा का नाम है... परिवार में जन्में अटल बिहारी ने देश के प्रधानमंत्री पद तक का जो सफर तय किया उसे आज भी आदर्श माना जाता है....अटल ने पत्रकारिता से अपने कॅरियर की शुरूआत की...उन्होने राम मनोहर लोहिया आंदोलन में अहम भूमिका निभा कर खुद को राजनीति से जोड़ा....राजनीति में एक बार आने के बाद अटल ने फिर कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा....16 मई 1996 का वो दिन था जब पहली बार अटल ने प्रधानमंत्री पद की शपथ ली...लेकिन कुछ दिनों में ही उनकी ये सरकार गिर गई......शायद देश को ये मंजूर नहीं था...देश में दोबारा आम चुनाव हुए और अटल ने फिर से सरकार बनाई जो की पूरे पांच साल का कार्यकाल खत्म करके ही रुकी......अटल जी एक सच्चे इंसान और लोकप्रिय नेता रहे हैं....वो वसुधैव कुटुम्बकम की भावना से परिपूर्ण सत्यम शिवम सुंदरम के पक्षधर रहे हैं....अटल जी का सक्रिय राजनीति में पदार्पण 1955 में हुआ...जबकि देश प्रेम की अलख को जगाने के लिए कई बार जेल भी गए....सादा जीवन और उच्च विचारों वाले अटल जी अपनी सत्यनिष्ठा और नैतिकता की वजह से अपने विरोधियों में भी लोकप्रिय रहे हैं..अटल को 1994 में सर्वश्रेष्ठ सांसद और 1998 में सबसे ईमानदार व्यक्ति से सम्मानित किया गया....1992 में पद्मिवभूषण जैसी बड़ी उपाधी से अलंकृत अटल जी को 1992 में ही हिन्दी गौरव से भी सम्मानित किया गया...अटल जी ही पहले नेता थे जिन्होने यूएन में हिन्दी भाषण देकर पूरे राष्ट्र को गौरवन्वि किया और राष्ट्रीय भाषा का मान बढ़ाया ...यही कारण हैं की उन्हे आजाद भारत की राजनीति का ब्रांड कहा जाता है......

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