एक हिंदी भक्त विदेशी विद्वान
हिंदी में पारंग होने भारत आया
हिंदी की दुर्दशा देख
सुन समझ चकराया
एयर पोर्ट से बहार निकलते ही
उसे टेक्सी वालों ने घेर लिया
गलत अन्ग्र्तेजी में बोलकर
उसे चक्कर में फेरा
होटल के स्वागत कछ में बैठी
अत्यंत आधुनिक कन्या नज़र आई
वह अंग्रेजी में उठी बैठी
और अंग्रेजी में ही मुस्कुराई
चौक बाज़ार घर दुकान
हर जगह देखा अंग्रेजी का बोलबाला
राष्ट्र भाषा हिंदी की जीभ पर
लटक रहा था अंग्रेजी का ताला....अंग्रेजी का ताला!!!!!!
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