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Saturday, July 16, 2016

एक था राजा...एक थी रानी

एक था राजा...एक थी रानी


                                         
                                           
                               दोनों मिले...शुरू हुई कहानी                          


एक दिन राजा ने रानी से कहा...... 

ओ साथी मेरे.. हाथों में तेरे.. 
हाथों की अब गिरहा दी ऐसे 
की टूटे ये कभी ना..
चल ना कहीं सपनों के गाँव रे
छूटे ना फिर भी धरती से पाऊं रे
आग और पानी से फिर लिख वो वादे सारे
साथ ही में रोए हंसे, संग धुप छाओं रे
आग और पानी से फिर लिख वो वादे सारे
साथ ही में रोए हंसे, संग धुप छाओं रे 
हम जो बिखरे कभी
तुमसे जो हम उधड़े कहीं
बुन ले ना फिर से हर धागा
हम तो अधूरे यहां
तुम भी मगर पूरे कहाँ
करले अधूरेपन को हम आधा
जो अभी हमारा हो मीठा हो या खारा हो
आओ ना कर ले हम सब साझा 
ओ साथी मेरे.. हाथों में तेरे
हाथों की अब गिरहा दी ऐसे
की टूटे ये कभी ना...... 
(फिल्म तनू वेड्स मनु के गीत की पंक्तियां)
कहानी जारी रहेगी......धीरज (धैर्य)


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